श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, महानद्दा, जबलपुर, 28 फ़रबरी से 01 मार्च 2023 तक राष्ट्रीय विज्ञानं दिवस 2023 का आयोजन “नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC), DST, नई दिल्ली और मध्य प्रदेश . विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (MPCST), भोपाल के सौजन्य से कर रहा है इस वर्ष विज्ञानं दिवस की थीम “GLOBAL SCIENCE FOR GLOBAL WELLBEING ” है . कार्यक्रम के प्रथम दिवस का शुभारम्भ प्रोफेसर कपिलदेव मिश्रा , कुलपति, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, डॉ दीपेश मिश्रा , रजिस्ट्रार,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के मार्गदर्शन में प्रो. एस.एस. संधू , निदेशक, बायो-डिजाइन इनोवेशन सेंटर,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर , प्रो. आशा खन्ना,सेवानिवृत्त प्रोफेसर , जूलॉजी विभाग, गवर्नमेंट साइंस कॉलेज, जबलपुर एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आर एस चंडोक, द्वारा किया गया इस अवसर पर, श्रीमती शिखा पाराशर, समन्वयक, डॉ हर्षिता शुक्ला, संयोजक, और डॉ सौरभ गुप्ता, ओर्गनइजिंग सेक्रेटरी, उपस्थिति थे .
सर्वप्रथम अपने स्वागतीय उद्वोधन में प्राचार्य डॉ आर एस चंडोकजी ने रिसोर्स पर्सन प्रो. एस.एस. संधू , निदेशक, बायो-डिजाइन इनोवेशन सेंटर,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर , प्रो. आशा खन्ना,सेवानिवृत्त प्रोफेसर , जूलॉजी विभाग, गवर्नमेंट साइंस कॉलेज, जबलपुर , निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ. मुकुल तिवारी, केमिस्ट्री विभाग, हितकारणी कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय, देवताल, जबलपुर , डॉ. जया सिंह,निदेशक,
जैव विविधता संरक्षण और ग्रामीण जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, जबलपुरऔर सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा क़ि विज्ञान के विकास व बढ़ते उपयोग मे मानव जीवन की कई गतिविधियों को बेहद आसान बना दिया है। विज्ञान भावी पीढ़ी के लिए केवल साधन मात्र ही नहीं बल्कि जरूरत बनता जा रहा है।राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) हर साल 28 फरवरी को ‘रमन प्रभाव’ की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य विज्ञान के बढ़ते प्रभाव को और समृद्ध करना है । इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम ‘वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान’ है । भारत के 2023 में प्रवेश करने के साथ ही यह विषय भारत की उभरती वैश्विक भूमिका और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में उसकी बढ़ती दृश्यता को इंगित करता है।
रिसोर्स पर्सन प्रो एस एस संधू जी द्वारा अपने व्यख्यान में विज्ञानं दिवस के उद्देश्य और सर सीवी रमन के व्यक्तित्व और रिसर्च पर विस्तृत चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया आपने कहा की आज विद्यार्थियों का विज्ञानं के प्रति रुझान कम होता जा रहा है और यदि रमनजी के व्यक्तित्व से कुछ विद्यार्थी प्रेरित हो जाते हैं तो यह हमारे लिए गर्व का विषय होगा
रिसोर्स पर्सन प्रो. आशा खन्नाजी ने अपना व्यख्यान में कहा की यह सुनिश्चित करना बहुत ही कठिन है कि, वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन मानवता के लिए लाभप्रद है या हानिकारक। यह आज भी बड़े असमंजस का विषय है। फिर भी, इस बात को नजरअंदाज करना बहुत ही कठिन है कि, वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) ने पूरे विश्वभर में लोगों के लिए महान अवसरों का निर्माण किया है। इसने समाज में लोगों की जीवन-शैली और स्तर में बड़े स्तर पर बदलाव किया है। यह विकासशील देशों या राष्ट्रों के लिए विकसित होने के बहुत से अवसरों को प्रदान करता है, जो ऐसे देशों के लिए बहुत आवश्यक है।
शक्ति महाकौशल संगठन के द्वारा विज्ञानं गीत की प्रस्तुति की .
विज्ञानं दिवस में विद्यार्थियों की रूचि और सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से “Role of Science and Technology in Skill Development ” विषय पर निबंध प्रतियोगिता का , ” Recent Advance in Science and Technology ” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता एवं वैज्ञानिक विषय पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
इन प्रतियोगिता में विद्याथियों की प्रतिभा का को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ मुकुल तिवारी , डॉ जया सिंह एवं डॉ रोहित वर्मा द्वारा निर्णायक की भूमिका का निर्बहन किया गया
कार्यक्रम में डाॅ. मनीष शाह, डाॅ. एस.एम मिश्रा, डाॅ अन्जू पाठक, डाॅ. विपिन राय, श्रीमती प्रकृति बिस्वास, श्रीमती शशि दुबे, डॉ विमल शुक्ला , श्री गगनदीप सिंह वालिया, डॉ संध्या कोष्टा , डॉ प्रमोद विश्वकर्मा , श्री रत्नेश नामदेव, एवं सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी सम्मिलित हुए ।
कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ हर्षिता शुक्ला द्वारा किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ रोहित वर्मा, डॉ विमल शुक्ला, श्री रत्नेश नामदेव , श्री संजय गुप्ता, डॉ सौरभ गुप्ता, डॉ सविता तिवारी , श्री एल ऍन साहू , श्रीमती सौम्या त्रिपाठी श्रीमती मोनिका त्रिपाठी , श्रीमती संगीता श्रीवास्तव, श्रीमती प्राची खरे, श्री दीपक सलिल , श्रीमती मेघना दीवान , श्रीमती मंजू पांडेय , श्री आसिफ बैग ,, श्री अंकुर बिसरिया , का विशेष योगदान रहा .